पहले से अब वो दिन हैं, ना पहली-सी रात हैं
शायद हमारे बीच, कहीं कोई बात है
पहले से अब वो दिन हैं, ना पहली-सी रात हैं
शायद हमारे बीच, कहीं कोई बात है
क्या बात हैं जो अब तू हमें, देखता नही
हो किस हाल में हैं, कैसे हैं
कुछ पूछ्ता नही
लगता हैं कोई और, तेरे आस पास है
शायद हमारे बीच, कहीं कोई बात है
पहले से अब वो दिन हैं, ना पहली-सी रात है
जाने कहाँ से राह में ये, मोड़ आ गया
सीने में दबे पांव कोई और आ गया
जबकि हर एक कदम पे, तू ही मेरे साथ है
शायद हमारे बीच, कहीं कोई बात है
पहले से अब वो दिन हैं, ना पहली-सी रात है
पहले से अब वो दिन हैं, ना पहली-सी रात है
शायद हमारे बीच, कहीं कोई बात है
Wednesday, August 26, 2009
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