रुकी रुकी सी थमी थमी सी , थी मेरी यह ज़िन्दगी..
जीती थी मैं बस यूहीं , ख़ुद की परवाह नहीं थी..
झूम कर आई कुछ ऐसी हवाएं , दिल चुराकर चली गई..
सोचती रही मैं, ढूंढती रही मैं , नींदें मेरी खोगई..
था वो अजनबी कुछ ऐसा.. जो मुझसे मुझको चुरा गया..
सीधी साधी सी ज़िन्दगी में मेरी हजारों रंग भरगया..
बदल गई मैं , मेरी सारी दुनिया ही बदल गई..
ख़बर रही न किसीकी , मैं तो उसमें कहीं खो गई ..
साँसों में मेरे सरमगाया , ख़्वाबों को वो सजागया ..
कभी हँसाया और कभी दिल को मेरे वो धड्कागया..
था वो एक हवा के झोंके जैसा..
रहता है दिल में मेरे, नहीं है कोई उसके जैसा..
रहता है दिल में मेरे, नहीं है कोई उसके जैसा..
आए तो हँसाता है , जाए तो रुलाता है..
आते जाते मुझे वो दीवाना कर जाता है..
आते जाते मुझे वो दीवाना कर जाता है..
बातों में उसकी है फूलों सी ताजगी , जो साँसों को महकाती है॥
अदाएं है उसकी बड़ी जादूगरी , जो मुझे बड़ा तड़पाती है..
साथ मेरे रहता है हरपल , आंखों में छुपा बैठा है..
बेहकाता है मुझे वो , और वही संभाल जाता है..
अरमान है तो बस इतना के एक बार फिर वो आजाये..
अरमान है तो बस इतना के एक बार फिर वो आजाये..
थाम कर मेरे हाथ वो , साथ अपने मुझे ले जाए..
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